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दर्शन
दर्शन (Phylosphy) वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों की विवेचना करता है । दर्शन यथार्थता की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता (meaning) की खोज का पर्याय है। भारतीय दर्शन और 'फिलासफी' (en:Philosophy) एक नहीं क्योंकि दर्शन यथार्थता, जो एक है, का तत्वज्ञान है जबकी फिलासफी विभिन्न विषयों का विश्लेषण। इसलिये दर्शन में चेतना की मीमांसा अनिवार्य है जो पाश्चात्य फिलासफी में नहीं। source: http://hi.wikipedia.org/wiki/
Sunday, 1 April 2012
Monday, 26 March 2012
दर्शन तथा philosophy
दर्शन शब्द की मूल धातु "दृश" है और "दृश" का अर्थ होता है देखना ! परंतु ये तो इसका केवल शाब्दिक अर्थ ही है! दर्शन एक ऐसा ज्ञान है जिसके द्वारा मूल तत्व को जाना जाता है उसका साक्षात्कार किया जाता है ! दर्शन को अँगरेजी में philosophy कहते है, यह शब्द दो शब्दों philos
+ sophia का योग है, जिनका अर्थ है प्रेम तथा प्रज्ञा (बुद्धि) !
फिर भी दर्शन तथा philosophy एक नहीं है दोनो में अंतर है ! दर्शन अध्यात्म से होके निकलता है जबकि philosophy केवल बौद्धिक ज्ञान पे बल देती है ! भारतीय दर्शन का दूसरा नाम तत्व दर्शन भी है क्योंकि इसमें हमे मूल तत्व का साक्षात्कार होता है ! भारतीय दर्शन और philosophy में एक फर्क ये भी है कि भारतीय दर्शन व्यावहारिक है ये जीवन से जुड़ी हुइ समस्याओं का समाधान बताता है इसका लक्ष्य और इसकी उत्पति का कारण जीवन से जुड़े दुःखों का अंत ही है जबकि पाश्चात्य दर्शन की उत्पति का मुख्य कारण जिज्ञासा है ! भारतीय दर्शन धार्मिक दृष्टिकोण पर आधारित है जबकि पाश्चात्य दर्शन का आधार वैज्ञानिक है ! भारतीय दर्शन तथा पाश्चात्य दर्शन में काफी अन्तर है क्योंकि दोनों का विकास अलग अलग जगह तथा अलग अलग परिस्थितियों में हुआ है !
+ sophia का योग है, जिनका अर्थ है प्रेम तथा प्रज्ञा (बुद्धि) !
फिर भी दर्शन तथा philosophy एक नहीं है दोनो में अंतर है ! दर्शन अध्यात्म से होके निकलता है जबकि philosophy केवल बौद्धिक ज्ञान पे बल देती है ! भारतीय दर्शन का दूसरा नाम तत्व दर्शन भी है क्योंकि इसमें हमे मूल तत्व का साक्षात्कार होता है ! भारतीय दर्शन और philosophy में एक फर्क ये भी है कि भारतीय दर्शन व्यावहारिक है ये जीवन से जुड़ी हुइ समस्याओं का समाधान बताता है इसका लक्ष्य और इसकी उत्पति का कारण जीवन से जुड़े दुःखों का अंत ही है जबकि पाश्चात्य दर्शन की उत्पति का मुख्य कारण जिज्ञासा है ! भारतीय दर्शन धार्मिक दृष्टिकोण पर आधारित है जबकि पाश्चात्य दर्शन का आधार वैज्ञानिक है ! भारतीय दर्शन तथा पाश्चात्य दर्शन में काफी अन्तर है क्योंकि दोनों का विकास अलग अलग जगह तथा अलग अलग परिस्थितियों में हुआ है !
ये ब्लॉग भारतीय दर्शन के बारे में जानकारी देने में मदद करने के उदेश्य से बनाया गया है !
आप सब से अनुरोध है कि आप अपना पूरा सहयोग दे , हम जल्द ही भारतीय दर्शन कि अधिकाधिक जानकारी के साथ आप कि सेवा में उपस्थित होंगे ! आप ना केवल भारतीय दर्शन बल्कि पाश्चात्य दर्शन के बारे में भी इस ब्लॉग के माध्यम से काफी कुछ जान पाएँगे हम ऐसी आशा करते है !
आप सब से अनुरोध है कि आप अपना पूरा सहयोग दे , हम जल्द ही भारतीय दर्शन कि अधिकाधिक जानकारी के साथ आप कि सेवा में उपस्थित होंगे ! आप ना केवल भारतीय दर्शन बल्कि पाश्चात्य दर्शन के बारे में भी इस ब्लॉग के माध्यम से काफी कुछ जान पाएँगे हम ऐसी आशा करते है !
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